नशा हम किया करते हैंनशा हम किया करते हैं, इल्ज़ाम शराब को दिया करते हैंकसूर शराब का नहीं उनका है, जिसका चेहरा हम जाम में तलाश किया करते हैं
कभी उलझ पड़े खुदा से कभी साक़ी से हंगामाकभी उलझ पड़े खुदा से कभी साक़ी से हंगामाना नमाज अदा हो सकी ना शराब पी सके
मयखाने की इज़्ज़त का सवाल था हुज़ूरमयखाने की इज़्ज़त का सवाल था हुज़ूरसामने से गुज़रे तो, थोडा सा लड़खड़ा दिए
कर दो तब्दील अदालतों को मय खानों मेंकर दो तब्दील अदालतों को मय खानों मेंसुना है नशे में कोई झूठ नहीं बोलता
यूँ तो ऐसा कोई ख़ास याराना नहीं है मेरा शराब सेयूँ तो ऐसा कोई ख़ास याराना नहीं है मेरा शराब सेइश्क की राहों में तन्हा मिली तो हमसफ़र बन गई